नवविवाहित जोड़े को पहली बार सेक्स के भ्रम.

सेक्स इस धरती पर स्त्री-पुरुष के जीवन में ईश्वर का एक बहुत ही अनुपम और अनमोल उपहार है जो दो विपरीत लिंगी प्राणी को आपस में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से अत्यन्त ही मजबूत सम्बन्धों के धरातल पर जोड़कर रखता है. वैवाहिक जीवन में जब स्त्री-पुरुष प्रवेश करते हैं तो उनके बीच उनके मन-प्राणों को आपस में जोड़कर रखने में सेक्स की भूमिका अति महत्वपूर्ण है परन्तु जब स्त्री-पुरुष नवविवाहित जोड़े के रूप में एक नई दुनियां में प्रवेश करते हैं तो उन्हें यह बात बखूबी पता होती है कि उन्हें आपस में शारीरिक सम्बन्ध भी बनाने होंगे और इस बात को लेकर उनकी उत्सुकता बहुत ही स्वाभाविक होती है, उनके मन की कोमलताएं कुलांचे भरने लगती हैं लेकिन इसके साथ ही उनके मन में सेक्स को लेकर बहुतेरी भ्रांतियां भी किसी पूर्वाग्रह की वजह से उन्हें भ्रमित करती रहती हैं.

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यह भ्रम सभी नवविवाहित जोड़ों में सामान्य रूप से लगभग एक समान ही होता है तथा इस भ्रम के उत्पन्न होने की जो सबसे बड़ी वजह होती है; वह है - सेक्स के प्रति जानकारियों का अभाव! चूंकि शिक्षा के क्षेत्र में अन्य विषयों की तरह सेक्स की शिक्षा नहीं दी जाती इसलिए जब कोई नवविवाहित जोड़ा एक नई दुनियां में प्रवेश करता है तो उसके सामने एक ऐसी प्रयोगशाला होती है जहां उसे बगैर सैद्धांतिक जानकारियों के प्रयोग करने की विवशता होती है जिसे सिर्फ अनुभव के जरिए ही जाना जा सकता है. एक और भी बहुत ही महत्वपूर्ण कारण यह है कि हमारे समाज में सेक्स को लेकर किसी भी प्रकार का आपसी संभाषण बिल्कुल न के बराबर है और किसी मंच पर इस विषय को लेकर किसी भी प्रकार की कोई बहस हो! इस बात की तो परकल्पना भी बेमानी ही होगी.

बहरहाल, सेक्स के प्रति जानकारियों के अभाव में नवविवाहित जोड़ों की विवशता बगैर किसी शस्त्र के समर क्षेत्र में अपनी आहुति देने वाले योद्धा के समान होती है.


नवविवाहित जोड़ों के मन में बहुतेरे प्रकार के भ्रम होते हैं.


एक और जहां स्त्रियों के मन में इस बात का भ्रम घर किए हुए रहता है कि पहली बार सम्भोग के दौरान उन्हें बहुत ही असहनीय दर्द का सामना करना पड़ेगा. हालांकि, इस बात की सम्भावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता परन्तु ऐसे में अगर उसका अपने पुरुष पार्टनर के साथ आपसी समझदारी का भाव हो, प्यार हो तो वह आपस में पहली बार होने वाले सेक्स की शुरुआत अगर फोरप्ले के साथ करें तो निश्चित रूप से बहुत ही आनन्ददायक स्थिति में उनके बीच सेक्स-सम्बन्ध स्थापित हो पाएगा और अगर इस प्रक्रिया के दौरान किसी को किसी भी प्रकार का कोई दर्द होगा भी तो उसकी अनुभूति बहुत ही सुखद होगी.




दूसरी ओर पुरुषों के मन में अपने लिंग समस्या को लेकर यह भ्रम समाया हुआ होता है कि वह अपनी महिला पार्टनर को सेक्सुअली सन्तुष्ट कर पाएगा या नहीं? तो यह भ्रम भी बेमानी ही होता है क्योंकि उनके बीच सेक्स-सम्बन्ध की स्थापना में उनकी खुशनुमा मानसिक स्थितियों और उनके बीच के भरपूर प्यार का ही महत्वपूर्ण स्थान होता है न कि उनके लिंग के आकार-प्रकार का. यहां ध्यान देने योग्य विशेष बात यह भी है कि स्त्रियों की योनि के कुछ ही अन्दर वाले हिस्से में पुरुष के लिंग के घर्षण-मात्र से ही उन्हें सेक्स से उत्पन्न चरम सुख का बहुत ही बेहतरीन अनुभव होने लगता है तो ऐसे में पुरुष के लिंग के आकार के छोटे होने से उनके बीच होने वाले आपसी सेक्स-सम्बन्धों में किसी भी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ता.

अगर कोई पुरुष अपनी शादी से पूर्व हस्तमैथुन करता रहा हो तो यह सम्भव है कि उसे पहली बार सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़े और इसके साथ ही यह भी सम्भावना बनती है कि वह शीघ्र ही स्खलित भी हो जाए. हालांकि, यह अलग बात है कि हस्तमैथुन करने से पुरुषों के स्वास्थ्य, उसकी सेक्स करने की क्षमता तथा उसकी प्रजनन क्षमता पर कोई खास बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है परन्तु अगर कोई अपने मन में यह भ्रम पाल कर बैठा हो कि वह हस्तमैथुन करने की वजह से कमजोर हो गया है तो ऐसा उसकी नकारात्मक सोंच की वजह से सम्भव हो सकता है.

पहली बार जब कोई नवविवाहित जोड़ा आपस में सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने जा रहा हो तो उसे चाहिए कि वह पहले मानसिक रूप से एक-दूसरे को भली-भांति जानने-समझने का प्रयत्न अवश्य करे ताकि वह एक-दूसरे को ठीक तरीके से समझ-बूझ सकें और उनका आपस में भावनात्मक सम्बन्ध भी सम्भव हो सके क्योंकि ऐसा होने पर उनके बीच सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया स्वतः ही बहुत बेहतरीन तरीके से आसान हो जाती है.


आमतौर पर महिलाएं अपनी वर्जिनिटी के प्रदर्शन को लेकर भी काफी चिन्तित रहा करती हैं, वह इस बात को लेकर भी आशंकित रहती हैं कि अगर पहली बार उनके बीच सेक्स-सम्बन्ध स्थापित होने की प्रक्रिया में उनकी योनि से रक्तस्राव नहीं होगा तो इससे उसके पुरुष पार्टनर पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ेगा तो उन्हें यह बात अपने मन से निकाल देनी चाहिए क्योंकि आजकल महिलाएं सिर्फ घरों की चहारदीवारी के अन्दर ही मौजूद नहीं होती हैं बल्कि बाहरी दुनियां से उनका सम्बन्ध पुरुषों के मुकाबले किसी भी स्थिति में कम नहीं होता. उनका जिम जाना, साइकिलिंग करना, विभिन्न प्रकार के खेल-कूद की गतिविधियों में भाग लेने जैसी जीवन-शैली होने की कारण यह कत्तई आवश्यक नहीं है कि पहली बार उनके पुरुष पार्टनर के साथ सेक्स-सम्बन्ध स्थापित होने पर उनकी योनि से रक्तस्राव हो ही! क्योंकि इस बात की सम्भावना ज्यादा है कि उनकी योनि की झिल्ली खेलकूद या किसी अन्य प्रकार की शारीरिक गतिविधियों के दौरान पहले ही कभी नष्ट हो गई हो तो ऐसे में किसी भी प्रकार के गलत निष्कर्ष पर पहुंचना सरासर ज्यादती ही होगी इसलिए इस प्रकार के भ्रम-जाल में उलझना बेवकूफी ही होगी.


अपने विवाह के पश्चात स्त्री-पुरुष को शारीरिक-सम्बन्ध स्थापित करने से पूर्व  एक-दूसरे को आपस में भली-भांति जानने-समझने की कोशिश अवश्य करनी चाहिए क्योंकि इससे उनके बीच अच्छा भावनात्मक तारतम्य बन सकता है और वह आपस में बहुत ही बेहतरीन तरीके से सेक्स-सम्बन्ध स्थापित कर पाने में सक्षम हो सकते हैं.


नवविवाहित जोड़ों के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह अपने प्रथम मिलन की रात्रि में ही आपस में सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करें बल्कि उन्हें पहले अपने बीच मानसिक प्यार को विकसित होने देने का प्रयास करना चाहिए जो कि उन दोनों की आपसी समझदारी पर ही निर्भर करता है अतः सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने में किसी भी प्रकार की आतुरता से दूर ही रहना चाहिए.


नवविवाहित जोड़े आपस में होने वाले पहली बार के सेक्‍स को लेकर कुछ ज्यादा ही भ्रमित होते हैं. खासकर स्त्रियों को इस बात को लेकर कुछ ज्यादा ही चिन्ता सताती रहती है कि पहली बार सेक्‍स-सम्बन्ध स्थापित करना उनके लिए बहुत ज्यादा ही तकलीफदेह हो सकता है और इस धारणा को बल प्रदान करने में फिल्मों के साथ ही कुछ पत्र-‍पत्रिकाओं से प्राप्त अधकचरे ज्ञान का भी बहुत बड़ा योगदान होता है जिससे स्त्रियों के मन में इस प्रकार का डर पुरुषों के मुकाबले कुछ ज्‍यादा ही रहता है.

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हालांकि, यह बात भी सच है कि पहली बार सेक्स-सम्बन्ध स्थापित होने पर स्त्रियों को दर्द होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता परन्तु ऐसा तभी सम्भव होता है जब स्त्रियों की योनि शुष्‍क होती है और ऐसी शुष्क योनि के होने से न सिर्फ स्त्रियों को ही दर्द होता है बल्कि ऐसे में पुरुषों को भी दर्द की अनुभूति होती है. चूंकि नवविवाहित जोड़ों को सेक्स से सम्बंधित जानकारियां प्रायः न के बराबर होती हैं इसीलिए उन्हें इस बात का पता नहीं होता कि सेक्‍स-सम्बन्ध स्थापित करने से पूर्व स्‍त्री की योनि का गीला होना आवश्यक होता है ताकि स्‍त्री का शरीर सम्बन्ध बनाने के लिए तैयार हो सके और जब शरीर पूरी तरह तैयार हो जाता है तो पहली बार सम्बन्ध बनाने के दौरान किसी भी प्रकार के दर्द की अनुभूति नहीं होती या अगर होती भी है तो वह अनुभूति  बहुत ही सुखद होती है इसलिए इससे डरने की कोई आवश्यकता ही नहीं होनी चाहिए बल्कि सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने की शुरुआत फोरप्ले के साथ करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से स्‍त्री का शरीर सेक्‍स-सम्बन्ध स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाता है और किसी भी प्रकार की कोई भी परेशानी भी नहीं होती है. इसीलिए सेक्‍स-सम्बन्ध स्थापित करने से पूर्व फोरप्ले पर ज्यादा-से-ज्यादा समय देना जरूरी हो जाता है क्योंकि अगर फोरप्‍ले पर ज्यादा समय नहीं दिया जाता है तो स्त्री की योनि शुष्‍क ही रहती है जिसकी वजह से उसे चरम सुख की अनुभूति ही नहीं होगी अतः यह नितान्त रूप से आवश्यक है कि चाहे पहली बार सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने की बात हो या कभी भी! इसकी शुरुआत फोरप्ले के साथ ही ज्यादा-से-ज्यादा समय देकर करनी चाहिए क्योंकि इससे सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया में बहुत ही बेहतरीन आनन्द की प्राप्ति होती है.


नवविवाहित जोड़ों को अपने जीवन में पहली बार सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने से पूर्व सेक्स के सम्बन्ध में कुछ मूलभूत जानकारियों का होना नितान्त रूप से आवश्यक होता है. इसके लिए उन्हें चाहिए कि वह किसी परिपक्व, अनुभवी और खुले हुए विचारों वाले किसी व्यक्ति अथवा किसी कुशल यौन रोग विशेषज्ञ से किसी भी प्रकार के संकोच व झिझक के बगैर बातें करें तो उनके अन्दर सेक्स को लेकर जो भी पूर्वाग्रह से ग्रसित धारणाएं होंगी उसका निवारण निश्चित रूप से सम्भव हो पाएगा और इसके साथ ही उन्हें आपस में सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसलिए किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर किसी भी स्थिति में अपने जीवन में पहली बार सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने की कोशिश करने से अवश्य बचें और इसके साथ ही अपने जीवन में पहली बार सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने से पूर्व यौन-संचारित रोगों से बचाव का भी विशेष ध्यान अवश्य रखें और यथासंभव उससे सम्बन्धित जानकारियों की प्राप्ति हेतु आवश्यक प्रयास भी अवश्य करें.


यौन-संचारित रोगों से सुरक्षित रहने के लिए अच्छे तरीके के कंडोम का प्रयोग आवश्यक रूप से करना चाहिए क्योंकि प्रारम्भिक सुरक्षा की दृष्टि से कंडोम की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसके साथ ही योनि के अन्दर की चिकनाई के लिए शुद्ध नारियल तेल का इस्तेमाल भी जरूर करना चाहिए. और सबसे बड़ी बात तो यह भी है कि पहली बार सेक्स-सम्बन्ध स्थापित करने से पूर्व किसी भी प्रकार की जल्दबाजी के साथ ही किसी भी प्रकार की जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए और अपने पार्टनर की सहमति का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए ताकि उन्हें उनकी अहमियत का अहसास हो सके और यौन-सम्बन्ध खुशनुमा माहौल में परिपूर्ण हो सके तथा इसके साथ ही नवविवाहित जोड़ों को सम्भोग-सुख से प्राप्त होने वाले अनिर्वाचनीय आनन्द की प्राप्ति भी बहुत ही आसानी के साथ सम्भव हो सके.


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