वास्तविक समस्याओं का आभासी समाधान: स्तंभन दोष के लिए ऑनलाइन परामर्श के लाभ.

 * आज का तकनीकी कौशल इतना विकसित हो चुका है कि उसने एक ऐसी आभासी संरचना निर्मित कर दी है जो कि पूरी तरह वास्तविक ही प्रतीत होती है और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करना एकदम असम्भव जान पड़ता है क्योंकि वह प्रथम दृष्टि में कहीं से भी किसी वास्तविक वस्तु का प्रतिबिम्ब जान नहीं पड़ता बल्कि वह ठीक वैसा ही जान पड़ता है जैसा कि उसका वास्तविक स्वरूप होता है परन्तु वह आभासी ही होता है.

स्तंभन दोष के लिए ऑनलाइन परामर्श


* तकनीकी कौशल ने एक ऐसी दुनियां ही निर्मित कर दी है जहां कोई भी चीज वास्तविक नहीं है बल्कि जो भी चीजें दृष्टिगोचर होती हैं वह सभी कुछ सिर्फ आभासी ही हैं. जैसे कि कृत्रिम समाज, कृत्रिम मनुष्य, कृत्रिम रिश्ते, कृत्रिम भावनाएं, कृत्रिम बुद्धि, कृत्रिम सौन्दर्य कृत्रिम जीवन, कृत्रिम सांसों के साथ ही कृत्रिम हंसी भी.


* यही वह प्रमुख वजह है कि तकनीकी कौशल के आधार पर निर्मित आभासी वस्तुओं के साथ रहते हुए मनुष्य अपने वास्तविक जीवन से बहुत ही दूर होता चला जा रहा है और वह इस बात को ठीक से समझ ही नहीं पाता है कि इस आभासी दुनियां में निर्मित कोई भी चीज स्थाई नहीं बल्कि अस्थायी ही है.


* इन्हीं कारणों से हमारे सामाजिक और निकट सम्बन्ध भी अस्थायी होने के साथ ही साथ बनावटी भी होते चले जा रहे हैं और यह संकेत भी दे रहे हैं कि जब तक ऐसे सम्बन्ध उपयोगी हैं इनका इस्तेमाल करो और जब इसकी जरूरत नहीं रह जाए तो इन्हें अपनी सुविधा के अनुसार समाप्त कर डालो.


* आजकल मनुष्य के लिए कंप्यूटर  और इंटरनेट इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि बस एक क्लिक के सहारे ही वह अपने जीवन की किसी भी प्रकार की समस्याओं को बड़ी आसानी से सुलझा लेता है क्योंकि कंप्यूटर और स्मार्टफोन एक ऐसे उपकरण हैं जो मनुष्य की इच्छाओं को तुरन्त ही पूरा कर पाने में पूरी तरह समर्थ होते हैं.


* यही वह प्रमुख वजह होती है जिसके कारण आज यह हमारी जिन्दगी का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है तथा तकनीक में हुई अप्रत्याशित प्रगति के कारण इस सन्दर्भ में वास्तविकता का महत्व दिन-प्रतिदिन घटता ही चला जा रहा है परन्तु यहां ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि ऐसी प्रगति कभी भी स्थाई नहीं होती क्योंकि ऐसी प्रगति तो समयानुसार परिवर्तित होती रहती है अर्थात अस्थाई ही होती है और इसका यह अस्थाई स्वरूप कभी भी स्थाई नहीं हो सकता है.


* अत्याधुनिक तकनीक ने मनुष्य को इस कदर अपना गुलाम बना लिया है कि मनुष्य पूर्व की तुलना में अपने को बेहतर समझने लगा है जबकि हकीकत यह है कि वह पहले से भी कहीं अधिक पराधीन होता चला जा रहा है और जैसे ही किसी तकनीक में समयानुसार कोई परिवर्तन होता है तो उसे फिर से अपनी आभासी दुनियां में नए सिरे से सभी चीजों को व्यवस्थित करने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है क्योंकि यह पूरी तरह वास्तविक दुनियां नहीं होती बल्कि यह सिर्फ आभासी दुनियां ही होती है और इसका वजूद कभी भी स्थाई नहीं हो सकता है.


* यहां एक यक्ष प्रश्न यह उठ खड़ा होता है कि अगर कोई अपनी किसी भी प्रकार की शारीरिक कमी को पूरा करने के लिए तकनीक से निर्मित किसी भी प्रकार की चीज का अगर प्रयोग करता है तो निश्चित रूप से उसे एक निर्धारित सीमा तक ही स्वीकार किया जा सकता है क्योंकि कृत्रिम ह्रदय, कृत्रिम आंख, कृत्रिम हाथ-पैर भले ही उसे एक मजबूत सम्बल प्रदान कर पाने में कामयाब हो जाते हों परन्तु अन्ततः वह वास्तविक नहीं ही होते हैं.


* ऐसी कृत्रिम चीजों को वास्तविक मान लेना और वास्तविक अंगों की तरह शक्ति सम्पन्न समझ लेना तो एक बहुत बड़ी भूल ही होगी क्योंकि कृत्रिम अंग कभी भी वास्तविक अंगों की तरह शक्ति सम्पन्न हो ही नहीं सकते बल्कि वह तो सिर्फ उसका आभास ही करा सकते हैं. आभासी समाधान कभी भी वास्तविक समस्याओं का समाधान कर ही नहीं सकते, वह सिर्फ आभास मात्र ही करा सकते हैं और कुछ भी नहीं.


* कहने का तात्पर्य यह है कि आभासी समाधान अन्ततः आभासी ही होता है और वास्तविक समस्याओं का आभासी समाधान कभी भी स्थाई समाधान नहीं हो सकता है क्योंकि आभासी समाधान का अपना स्वरूप समयानुसार परिवर्तित होता रहता है क्योंकि तकनीकी चीजों में निरन्तर नई-नई खोजों के आधार पर आवश्यक परिवर्तन होता रहता है और आज की तकनीक आनेवाले समय में पुरानी हो जाती है और उसकी जगह नई खोजों के आधार पर उसके स्वरूप को बदलने को आवश्यकता अनिवार्य हो जाती है.


* इसलिए व्यक्ति को आभासी दुनियां से बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए और वास्तविक दुनियां को सही तरीके से जानने और समझने का प्रयत्न करना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार दर्पण के सामने से हटते ही प्रतिबिंब गायब हो जाता है ठीक उसी प्रकार आभासी दुनियां शाश्वत नहीं होती उसमें समयानुसार परिवर्तन होता ही रहता है. इसीलिए यह निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि वास्तविक समस्याओं का आभासी समाधान कभी भी सम्भव नहीं हो सकता है.


* नपुंसकता.


- आजकल की भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में व्यक्ति अपने दैनिक कार्यों के बोझ के प्रभाव से मानसिक रूप से इतना बोझिल हो जाता है कि उसका बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव उसके यौन स्वास्थ्य पर पड़ता है. असंयमित दिनचर्या के साथ ही असन्तुलित आहार को ग्रहण करने की वजह से उसके शरीर की धमनियों में रक्त प्रवाह मंद पड़ जाता है और वह अनावश्यक रूप में हृदय रोग, मधुमेह, अवसाद और उच्च रक्त-चाप जैसी बीमारियों की गिरफ्त में आकर बहुत ही बुरी तरह नपुंसकता का शिकार हो जाता है.


- नपुंसकता की चपेट में आ जाने पर व्यक्ति के लिए अपनी महिला पार्टनर को गर्भ धारण करवा पाना निश्चित ही असम्भव हो जाता है क्योंकि ऐसी स्थिति में उसके लिए सेक्स करना एक असम्भव कार्य हो जाता है क्योंकि नपुंसकता की स्थिति में उसके लिंग में उत्तेजना उत्पन्न ही नहीं हो पाती है और इसके साथ ही उसकी आन्तरिक शक्तियां भी बहुत कम हो जाती है और यही वह प्रमुख वजह होती है जिसके कारण उसके लिंग में तनाव उत्पन्न ही नहीं हो पाता है.


- लिंग में उत्तेजना प्राप्त हो सके इसके लिए शरीर की धमनियों में बेहतरीन तरीके से रक्त का प्रवाहित होना बहुत ही आवश्यक होता है परन्तु नपुंसकता की स्थिति में उस व्यक्ति के शरीर में रक्त की बहुत ही कमी हो जाती है और रक्त संचार मंद पड़ जाता है अतः ऐसी स्थिति में उसके लिंग में तनाव उत्पन्न हो पाना असम्भव हो जाता है जिसकी वजह से वह अपनी महिला पार्टनर के साथ सेक्स कर पाने में असमर्थ हो जाता है.


- आमतौर पर उसकी इस स्थिति के लिए उसकी अनुचित जीवन-शैली ही मुख्य रूप से जिम्मेवार होती है क्योंकि व्यक्ति की असंयमित और असन्तुलित जीवन-शैली की वजह से उसके यौन स्वास्थ्य पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और वह व्यक्ति अनावश्यक रूप से नपुंसकता की चपेट में आ जाता है.


- ऐसी परिस्थितियों में उसके लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वह अपनी जीवन-शैली को अनुकूल तरीके से परिवर्तित करने की पुरजोर कोशिश करे ताकि वह नपुंसकता को नियंत्रित कर पाने में सक्षम हो सके. वैसे तो यह समस्या बहुत ही जटिल होती है और आसानी से पीछा भी नहीं छोड़ती है अतः इसके मुक्ति पाने के लिए किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ का आश्रय लेना आवश्यक हो जाता है क्योंकि वही उसकी समस्याओं से उसे मुक्त कर सकते हैं. इसलिए उसे अविलंब ही किसी कुशल यौन रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करना चाहिए जिससे वह अपनी समस्याओं से मुक्त हो पाने में कामयाब हो सके.


* स्तम्भन दोष उपचार :-


- यौन रोगों में स्तम्भन दोष पुरुषों में होनेवाला एक बहुत ही जटिल और गम्भीर रोग होता है तथा यह पुरुषों की असंयमित जीवन शैली की वजह से ही उसे अपनी चपेट में ले लेता है और जो कोई भी व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाता है उसकी लैंगिक शक्तियां बहुत ही क्षीण हो जाती हैं जिसकी वजह से वह अपनी महिला पार्टनर के साथ सेक्स कर पाने में सर्वथा असमर्थ हो जाता है क्योंकि इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिंग में उत्तेजना उत्पन्न ही नहीं हो पाती है और उसका लिंग प्रायः लुंज-पुंज स्थिति में ही रहता है तथा उत्तेजनाशून्य भी हो जाता है.

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- आजकल की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में पुरुषों की दिनचर्या प्रायः असंयमित और असन्तुलित हो जाती है जिसके कारण उसकी जीवन-शैली बहुत ही अनियंत्रित हो जाती है तथा अपने कार्यों का बोझ उस पर इस कदर हावी रहता है कि वह मानसिक रूप से बहुत ही त्रस्त हो जाता है जिसका बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव उसके यौन स्वास्थ्य पर पड़ता है और इन्ही परिस्थितियों की वजह से वह स्तम्भन दोष से ग्रसित हो जाता है.


- स्तम्भन दोष से पीड़ित व्यक्ति जब अपनी महिला पार्टनर के साथ सेक्स कर पाने में असमर्थ हो जाता है तब उसका आत्मविश्वास पूरी तरह डगमगा जाता है और वह आत्मग्लानि के साथ ही हीन भावनाओं का शिकार होकर अवसादग्रस्त हो जाता है. अज्ञात भय, झिझक, शर्मिंदगी और सहज संकोच की वजह से वह किसी के भी साथ अपनी इस समस्या को साझा नहीं कर पाता है जिसका दुष्परिणाम यह होता है कि वह अन्य प्रकार के यौन-रोगों से भी ग्रसित होकर अपनी जिन्दगी से मायूस हो जाता है.


- अतः ऐसी स्थिति के उत्पन्न होने पर व्यक्ति के लिए आवश्यक हो जाता है कि वह अज्ञात भय, झिझक, शर्म और सहज संकोच को छोड़ कर अविलंब ही किसी योग्य सेक्सोलॉजिस्ट से सम्पर्क करे और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराए ताकि उचित समय पर उसकी चिकित्सा हो सके और वह अपनी समस्याओं से पूरी तरह मुक्त हो सके क्योंकि सही समय पर इसका उपचार करवाने से इस रोग पर नियंत्रण पाना बहुत ही आसान हो जाता है अन्यथा आजीवन यौन-सुख से वंचित हो जाना ही उसकी नियति बन जाती है.


* इरेक्टाइल प्रॉब्लम :-


- आमतौर पर व्यक्ति के जीवन में इरेक्टाइल प्रॉब्लम तभी उत्पन्न होता है जब वह अनावश्यक रूप से व्यर्थ ही चिन्तित रहता है, मानसिक तनाव का शिकार होता है, अवसादग्रस्त जीवन जी रहा होता है, उसका अपनी महिला पार्टनर के साथ आपसी रिश्ता तल्ख  होता है और इसके साथ ही अन्य निम्न परिस्थितियां भी किसी भी व्यक्ति के इरेक्टाइल प्रॉब्लम का कारण बनती हैं. जैसे :-


* जीवन-शैली के अनियंत्रित होने से.

* अनावश्यक भाग-दौड़ करने से. 

* दैनिक कार्यों के मानसिक दबाव से.

* आपसी रिश्तों में कड़वाहट होने से. 

* असन्तुलित आहार ग्रहण करने से.

* शरीर में रक्त की कमी होने से.

* हृदय रोग से पीड़ित होने से.

* अनावश्यक चिन्ता करने से.

* मधुमेह से पीड़ित होने से.

* अवसादग्रस्त रहने से. 

* रक्त-चाप उच्च होने से.

* अत्यधिक धूम्रपान करने से.

* अल्कोहल का सेवन करने से.

* ड्रग्स और प्रतिबंधित दवाओं के सेवन से.

* पर्याप्त नींद के अभाव से.

* प्रोस्टेट ग्रंथियों में विकृति आ जाने से.

* किसी प्रकार सर्जरी होने से.

* अकस्मात चोटिल होने से.

* रीढ़ की हड्डियों के कमजोर होने से.


उपर्युक्त कारणों की वजह से किसी भी व्यक्ति का यौन स्वास्थ्य बहुत ही बुरी तरह प्रभावित हो जाता है और उसका लिंग अत्यन्त ही शिथिल हो जाता है जिसकी वजह से लिंग में उत्तेजना उत्पन्न ही नहीं हो पाती है और इसके कारण वह बहुत बुरी तरह इरेक्टाइल प्रॉब्लम का शिकार हो जाता है तथा इसी वजह से उसे अपनी महिला पार्टनर के साथ सेक्स करने में बहुतेरी कठिनाइयों का सामना करने की विवशता उत्पन्न हो जाती है तथा इसके साथ ही उसकी जिन्दगी भी बहुत ही दुश्वार हो जाती है.

इरेक्टाइल डिसफक्शंस और इरेक्टाइल प्रॉब्लम की समस्या आपको योन गतिविधियों से दूर करके शारीरक और मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। बेहतरीन उपचार और अधिक जानकारी के लिए आप हमारी https://www.draroras.com/erectile-dysfunction वेबसाइट पर जा सकते हैं या इन +919310123344 / +919357738797 / +919781078210 नंबरों पर कॉल कर सकते हैं।


* स्तम्भन दोष के लिए ऑनलाइन परामर्श :-


- स्तम्भन दोष के लिए ऑनलाइन परामर्श एक बहुत ही बेहतरीन उपाय है जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति को झिझक, शर्मिंदगी और सहज संकोच की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता है तथा वह बेझिझक होकर अपनी समस्या को ऑनलाइन प्रस्तुत कर पाने में समर्थ हो जाता है.


- अनियंत्रित जीवन-शैली, अनावश्यक भाग-दौड़, काम के बोझ का प्रभाव, अनुचित आहार-व्यवहार, धमनियों में रक्त-प्रवाह की कमी, हृदय रोग, अनावश्यक चिन्ता, मधुमेह, अवसाद और उच्च रक्त-चाप जैसी बीमारियों की वजह से व्यक्ति स्तम्भन दोष जैसे  गम्भीर यौन रोग की चपेट में आ जाता है. इसलिए ऑनलाइन परामर्श के माध्यम से एक योग्य सेक्सोलॉजिस्ट उसे अपनी इन परिस्थितियों को पूरी तरह नियंत्रित करने की सलाह देता है ताकि ऐसी गम्भीर समस्या का निवारण सम्भव हो सके और व्यक्ति पूर्णतया स्वस्थ हो सके.


ऑनलाइन परामर्श के माध्यम से एक योग्य सेक्सोलॉजिस्ट उसे नियमित रूप से योग, ध्यान और व्यायाम को अपनी जीवन-शैली में अपनाने हेतु प्रेरित भी करता है. वह उसे संतुलित, स्वीकृत और विटामिनयुक्त पौष्टिक आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करने पर भी बल देना है. वह उसे अल्कोहल के साथ ही अत्यधिक धूम्रपान करने से भी परहेज करने का सुझाव देता है. वह उसे ड्रग्स और प्रतिबंधित दवाओं से भी बचने की सलाह देता है तथा इसके साथ ही किसी भी प्रकार की नशीली वस्तुओं से भी परहेज करने का सुझाव भी उसे देता है.


- स्तम्भन दोष से पीड़ित व्यक्ति अगर ऑनलाइन प्राप्त इन परामर्शों को अपनी जीवन शैली में अपना लेता है तो इस बात की सम्भावना सुनिश्चित हो जाती है कि वह शीघ्र ही स्तम्भन दोष से पूरी तरह मुक्त हो सकता है परन्तु इसके लिए उसे अपने सेक्सोलॉजिस्ट द्वारा ऑनलाइन प्राप्त परामर्श को पूरी शिद्दत के साथ अपने जीवन में पालन करने की जरूरत होती है. इसलिए यह निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि ऑनलाइन परामर्श स्तम्भन दोष से पीड़ित व्यक्ति के लिए एक लाभदायक और कारगर उपाय है.


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