डायबिटीज होने पर यदि आपको इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो तो इसे कैसे ठीक करें.
डायबिटीज एक प्रकार का अत्यन्त ही गम्भीर शारीरिक रोग होता है और जो कोई भी व्यक्ति इस रोग से पीड़ित हो जाता है उसकी शारीरिक क्षमताएं पूरी तरह क्षीण हो जाती हैं जिसका परिणाम यह होता है कि वह व्यक्ति बहुत ही सुस्त हो जाता है और इसके साथ ही उसके यौनांग भी अत्यधिक ही शिथिल हो जाते हैं जिसका बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव उस व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य पर पड़ता है तथा उसके लिए अपनी महिला पार्टनर के साथ सेक्स कर पाने में बहुतेरी कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ जाता है.
- अगर कोई व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित हो और इसके साथ ही वह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की गिरफ्त में भी आ जाए तो उसकी जिन्दगी में 'एक तो नीम और दूजे कडैला' वाली बात चरितार्थ होने लग जाएगी क्योंकि यह दोनों ही रोग अत्यन्त ही गम्भीर रोग होता है और यह दोनों ही रोग पीड़ित व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत ही बुरी तरह प्रभावित करके रख देता है.
* डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति का इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की गिरफ्त में आ जाना बहुत ही स्वाभाविक होता है.
- डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति का इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की गिरफ्त में आ जाना बहुत ही स्वाभाविक होता है क्योंकि यह दोनों ही रोग समान रूप से पीड़ित व्यक्ति के यौनांगों को ही बहुत बुरी तरह प्रभावित करते हैं और पीड़ित व्यक्ति के लिंग में अनुकूल तनाव और पर्याप्त कठोरता का सर्वथा अभाव हो जाता है तथा वह व्यक्ति लैंगिक रूप से उत्तेजित ही नहीं हो पाता है जिसकी वजह से वह अपनी महिला पार्टनर के साथ किसी भी स्थिति में सेक्स कर पाने लायक नहीं रह जाता है.
- यों तो कोई भी व्यक्ति जब किसी भी प्रकार की शारीरिक व्याधियों की गिरफ्त में आ जाता है तो स्वाभाविक रूप से इसका बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव उस व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य पर भी पड़ता है और अगर कोई व्यक्ति जब डायबिटीज जैसे गम्भीर रोग से ग्रसित हो तथा इस स्थिति में वह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की गिरफ्त में भी आ जाए तो ऐसे में उसकी स्थिति अत्यन्त ही दयनीय हो जाती है जिसकी वजह से उस व्यक्ति का यौन-जीवन लगभग मृतप्राय ही हो जाता है क्योंकि इन परिस्थितियों में उसकी आन्तरिक शक्तियां बहुत ही क्षीण हो जाती हैं और वह पूरी सुस्त हो जाता है तथा उसकी यौन-शक्तियों पर भी इन पेंचीदगियों का बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है.
- डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति तो वैसे भी मानसिक रूप से काफी चिड़चिड़ा हो जाता है जिसकी वजह से उसके यौनांग उत्तेजित ही नहीं हो पाते हैं और उसे सेक्स करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है तथा पीड़ित व्यक्ति किसी भी स्थिति में सेक्सुअली ऐक्टिव नहीं रह पाता है.
* डायबिटीज और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के गुणों में काफी समानता होती है.
- डायबिटीज और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के गुणों में काफी समानता होती है क्योंकि यह दोनों ही रोग व्यक्ति की यौन शक्तियों को बहुत ही बुरी तरह प्रभावित कर देता है. डायबिटीज की वजह से भी यौनांग शिथिल हो जाते हैं और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह से भी व्यक्ति का लिंग शिथिल हो जाता है और इन दोनों ही रोगों के कारण व्यक्ति का सेक्सुअल लाइफ बहुत ही बुरी तरह प्रभावित हो जाता है.
- एक ओर डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक स्वास्थ्य की समस्याओं को झेलने के साथ ही सेक्सुअल समस्याओं को भी झेलने पर मजबूर हो जाता है तो वहीं दूसरी ओर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से पीड़ित व्यक्ति मानसिक रूप से अवसादग्रस्त हो जाता है और उसका सेक्सुअल लाइफ भी बहुत ही बुरी तरह बरबाद हो जाता है.
- डायबिटीज की वजह से शारीरिक शिथिलता आ जाती है जिसके कारण उसे सेक्स करने में परेशानी होती है और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह से लिंग में अनुकूल तनाव व पर्याप्त कठोरता का अभाव होने से लिंग उत्तेजित ही नहीं हो पाता है जिसके कारण उसे सेक्स करने में परेशानी होती है. इन दोनों ही रोगों से एक साथ ग्रसित होने पर पीड़ित व्यक्ति में सेक्स के प्रति अभिरुचि का कम हो जाना बहुत ही स्वाभाविक होता है जिसकी वजह से उसका सेक्सुअल लाइफ किसी भी स्थिति में आनदमय नहीं रह पाता है.
* डायबिटीज से पीड़ित होने की स्थिति में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से ग्रसित हो जाना बहुत ही स्वाभाविक हो जाता है.
- डायबिटीज से पीड़ित होने की स्थिति में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से ग्रसित हो जाना बहुत ही स्वाभाविक हो जाता है क्योंकि डायबिटीज की वजह से चूंकि पीड़ित व्यक्ति की शारीरिक शक्तियां क्षीण हो जाती हैं जिसकी वजह से वह शिथिल हो जाता है और उसके यौनांग भी काफी हद तक शिथिल हो जाते हैं जिसके कारण उसके लिंग में उत्तेजना उत्पन्न ही नहीं हो पाती है और जब एक लम्बी अवधि तक ऐसी स्थिति निरन्तर बनी रहती है तो बहुत ही स्वाभाविक रूप से वह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की गिरफ्त में आ जाता है.
- आमतौर पर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में जब इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसे गम्भीर यौन-रोग की समस्या से ग्रसित हो जाता है तो वह अनावश्यक रूप से चिन्तित रहने के साथ ही व्यर्थ के तनाव और अवसाद से भी ग्रसित हो जाता है परन्तु डायबिटीज की वजह से चूंकि वह शारीरिक रूप से शिथिल हो जाता है और उसके यौनांग भी शिथिल हो जाते हैं तो वह भी चिन्तित रहने लगता है और अवसादग्रस्त भी हो जाता है तथा परिणाम यह होता है कि वह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसे गम्भीर यौन-रोग की गिरफ्त में भी आ जाता है.
- यह दोनों ही रोग अत्यन्त ही गम्भीर होता है और बहुत ही आसानी से पीड़ित व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ता है जिसकी वजह से चाहकर भी पीड़ित व्यक्ति अपने जीवन में सामान्य रूप से यौन-क्रियाओं को करने में अक्षम हो जाता है जिसके कारण उसके आपसी सम्बन्धों में तल्खियां उत्पन्न हो जाती हैं तथा इसके साथ ही वह यौन-सुख के आनन्द से भी वंचित हो जाता है.
* डायबिटीज और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक और मानसिक पीड़ा का भी शिकार हो जाता है.
- डायबिटीज के साथ ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से पीड़ित व्यक्ति अन्य कई प्रकार के रोगों से भी अनावश्यक रूप से ग्रसित हो जाता है तथा वह बहुत ही बुरी तरह शारीरिक और मानसिक पीड़ा का भी शिकार हो जाता है क्योंकि यह दोनों ही रोग अत्यन्त ही जटिल और गम्भीर रोग होता है तथा पीड़ित व्यक्ति के यौनांगों को ही बहुत बुरी तरह प्रभावित करता है जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति प्रायः चिन्तित रहने लगता है तथा वह मानसिक रूप से अवसादग्रस्त हो जाता है और इतना ही नहीं बल्कि बढ़ते हुए समय के साथ ही व्यक्ति इस समस्या का इस कदर बुरी तरह शिकार हो जाता है कि यह बुरी स्थिति ही उसकी जीवन-शैली भी बन जाती है.
- डायबिटीज के साथ ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से ग्रसित होने पर व्यक्ति के लिंग में जिस प्रकार से अनुकूल तनाव और पर्याप्त कठोरता जो अभाव उत्पन्न हो जाता है वह किसी भी पुरुष की मानसिकता को बहुत ही बुरी तरह उलझाकर रख देता है. इसलिए इस प्रकार के मानसिक उलझनों से निजात पाने के लिए उसे आवश्यक रूप से मधुमेह को नियंत्रित करने का भरपूर प्रयास करना चाहिए ताकि वह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की गिरफ्त से भी बाहर निकलने में सफल हो सके और व्यक्ति अन्य प्रकार के रोगों की चपेट में आने की सम्भावना से बच पाने में कामयाब हो सके तथा इसके साथ ही अपने दाम्पत्य-जीवन को भी बचा पाने में सफल हो सके.
* डायबिटीज होने पर यदि इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो जाए तो इसे कैसे ठीक करें.
- डायबिटीज होने पर यदि इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो जाए तो व्यक्ति को अपने जीवन में निम्न प्रकार के उपायों को अपनाने पर बल देने का प्रयास करना चाहिए. जैसे :-
* अपनी जीवन-शैली को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए.
* प्रतिदिन नियमित रूप से योग, ध्यान और व्यायाम को अपनी जीवन-शैली में शामिल करना चाहिए.
* प्रतिदिन नियमित रूप से तेज गति से टहलने का भरपूर प्रयास करना चाहिए.
* अनावश्यक भाग-दौड़ से बचने का प्रयास करना चाहिए.
* अपने नियमित कार्यों को बगैर किसी स्ट्रेस के पूरा करने का प्रयास करना चाहिए.
* किसी भी स्थिति में अनुचित आहार को ग्रहण नहीं करना चाहिए.
* सदैव स्वस्थ, सन्तुलित, स्वीकृत और विटामिनयुक्त पौष्टिक आहार को ही ग्रहण करना चाहिए.
* किसी भी स्थिति में अनावश्यक रूप से चिन्तित नहीं होना चाहिए.
* हृदय रोग से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की समस्या को नियंत्रित करने का भरपूर प्रयास करना चाहिए.
* किसी भी प्रकार की शारीरिक व्याधियों पर नियंत्रण प्राप्त करने का भरपूर प्रयास करना चाहिए.
* उच्च रक्त-चाप को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए.
* शरीर की धमनियों में रक्त-प्रवाह की कमी नहीं होने देनी चाहिए.
* डायबिटीज से ग्रसित होने पर किसी योग्य चिकित्सक से उचित उपचार करवाना चाहिए.
* मानसिक रूप अवसादग्रस्त होने से बचने का भरपूर प्रयास करना चाहिए.
* अत्यधिक अल्कोहल का सेवन किसी भी स्थिति में नहीं करना चाहिए.
* अत्यधिक धूम्रपान कदापि नहीं करना चाहिए.
* सदैव शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से सक्रिय रहने का प्रयास करना चाहिए.
* सुखद और पर्याप्त नींद प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए.
* मिस्ठान का सेवन करने से बचने का प्रयास करना चाहिए.
- उपर्युक्त उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर डायबिटीज के साथ ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या को प्रारम्भिक स्तर पर अवश्य ही नियंत्रित किया जा सकता है परन्तु यह दोनों ही रोग इतने जटिल और गम्भीर होते हैं कि इसके लिए किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सलाह व परामर्श लेना नितान्त रूप से आवश्यक हो जाता है.
- एक कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ रोग की जटिलताओं को भली-भांति समझकर पीड़ित व्यक्ति के अनुरूप उसकी उचित चिकत्सा करने का प्रयास पूरी शिद्दत के साथ करता है जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति के स्वस्थ होने की सम्भावना सुनिश्चित हो जाती है और पीड़ित व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ होकर पुनः अपने जीवन में अपनी महिला पार्टनर के साथ यौन-सुख का भरपूर आनन्द प्राप्त कर पाने में कामयाब हो जाता है.
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-कहने का तात्पर्य यह है कि एक तो डायबिटीज अपने-आपमें ही एक अत्यन्त ही गम्भीर रोग है और उसके साथ ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या भी जब एक साथ ही उत्पन्न हो जाती है तो इसका बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पीड़ित व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन को तहस-नहस करके रख देता है तिस पर अन्य प्रकार के भी अति गम्भीर रोगों की गिरफ्त में आ जाने से तो व्यक्ति को और भी विषम परिस्थितियों का सामना करने की विवशता उत्पन्न हो जाती है और ऐसी स्थिति में व्यक्ति को एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ बहुत बड़ी खाई नजर आने लगती है. उसके लिए इस गम्भीर परिस्थितियों से बाहर निकलने का कोई मार्ग ही नजर नहीं आता है और वह बुरी तरह पस्त हो जाता है.
- यहां ध्यान देने योग्य विशेष बात यह भी है कि डायबिटीज के साथ ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से पीड़ित व्यक्ति की यौन-समस्याएं सामान्य व्यक्तियों यौन-समस्याओं की अपेक्षाकृत काफी हद तक अधिक होती हैं तथा इसके साथ ही इसका बहुत ही नकारात्मक प्रभाव उसके यौन-जीवन को बहुत ही बुरी तरह प्रभावित भी करता है. अतः ऐसी परिस्थितियों में इस तरह के दोनों गम्भीर रोग से ग्रसित व्यक्ति के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वह चाहे अन्य किसी भी प्रकार की शारीरिक व्याधियों का शिकार ही क्यों न हो उससे बचने का उसे भरपूर प्रयास अवश्य करना चाहिए क्योंकि किसी भी प्रकार की शारीरिक व्याधि सर्वप्रथम व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य को ही बुरी तरह प्रभावित करती है जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति का यौन-जीवन अत्यन्त ही दुख:दाई हो जाता है.
- ऐसे में पीड़ित व्यक्ति के लिए यह बहुत ही आवश्यक हो जाता है कि जीवन में उसे कभी भी ऐसी विषम परिस्थितियों का सामना करने की विवशता ही उत्पन्न न हो इसलिए उसे हरसम्भव ऐसा अनुकूल प्रयास करना चाहिए जिससे उसका यौन-जीवन पूरी तरह खुशहाल रह सके और वह अपने जीवन में अपनी महिला पार्टनर के साथ भरपूर यौन-सुख का आनन्द प्राप्त कर पाने में भी सक्षम रह सके.
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